Sunday, September 27, 2009

wings of zeal can spread upto miles............



 

आजा  आज  आसमान छुले,
बन्धनों  को  छोड़कर ,
परिंदों  में  घुल  लें ,
छोड़  दुनिया  की  आनाकानी ,
आज  आसमान  छुले ,
पंखो  को  फैला  ऐसे ,
सपनों  के  बादलों  में  से ,
चीर  कर   जोश  के  साथ ,
हम  बस  आगे  बढे ,
आज  आसमान  छुले ,
यह आज  ही  तो   हैं  सब  कुछ ,
कल  के  इंतजार   में 
क्यों  वक्त  जाहिर  करें ,
नए आशियाने  हमार  इंतजार करें ,
आजा  आज  आसमान  छुले ,
आज  ही  तो  सब  साथ  हैं 
आज  में  ही  तू  आजाद  हैं ,
क्या  हैं  अनंत  के  आगे ,
आज  नजर  आर पार  कर  ले ,
क्या  सोचना  हैं ,
आजा आज आसमान छुले ,

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